World’s Best History Shri Guru Granth Sahib Ji In Hindi

World’s Best History Shri Guru Granth Sahib Ji In Hindi | दुनिआ में एकेले ऐसे &#

x917;्रंथ जिन्हे गुरु होने का मान प्राप्त है। पूरी दुनिआ में एकेले ऐसे ग्रंथ है जिन् में सब धर्मो के भगतो ,गुरुओ तथा पीरों के बाणी दर्ज है।

Shri Guru Granth Sahib Ji In Hindi HistoryShri Guru Granth Sahib Ji In Hindi

साहिब श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी वर्तमान और भविष्य के सिख समाज के गुरु है। साहिब श्री गुरु नानक देव जी अपने पास एक पोथी रखते थे उसमे गुरु जी जो भी बाणी रचते वह लिख लेते। गुरु अंगद देव जी और गुरु अमरदास जी ने एक कदम और आगे लेते हुए गुरु साहिब तथा भगतो ,फ़कीरो की बाणी को एकत्र किया। गुरु अमरदास जी के पोत्रे सहसर राम ने पहले तीनो गुरुओ की बाणी को एकत्र कर एक पोथी का निर्माण किया। जिसको मोहन पोथी तथा गोइंदवाल पोथी भी कहा जाता है। श्री गुरु अर्जन देव जी के पास आते इस संग्रह में 15 भगतो ,11 भट्ट ,3 गुरसिख की बाणी एकत्र हो चुकी थी। आप जी को 1601ई: से लेकर 1604 ई: तक चार साल का समय लगा।

Shri Guru Granth Sahib Ji In Hindi

में लिखावट का इतहास

आप जी ने 1604 ई: में इस संगृह को संपादन किया। इस ग्रंथ की लिखावट का काम भाई गुरदास जी ने किया। इस ग्रंथ साहिब जी का पहला प्रकाश 1604 ई: में दरबार साहिब श्री अमृतसर में किया गया। जिसके पहले ग्रंथी बाबा बुढा जी थे। गुरु हरगोबिंद साहिब जी , गुरु हर राय जी तथा गुरु हरकृष्ण साहिब जी ने संगत को इसी ग्रंथ साहिब जी की बाणी के साथ जोड़ा। इसी ग्रंथ को साहिब श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने 1706 ई: मे दमदमा साहिब तलवंडी साभो में दुबारा संपादन करवाया। लिखावट की सेवा इस बार भाई मनी सिंह जी ने की। इसी ग्रंथ साहिब में इस बार गुरु तेग बहादुर जी की बाणी भी दर्ज की गई। श्री गुरु गोबिंद सिंह जी ने नांदेड़ में 1708 ई: को पांच पैसे और नारियल रख कर सिजदा कर दिया। गुरु गोबिंद सिंह जी ने गुरु ग्रंथ साहिब जी को गुरता संभाल दी। इस तरह श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी को सिख समाज तथा सबके ग्यारवें गुरु होने का मान है। श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी अब सबके हाज़रा हजूर गुरु गुरता पर बिराजमान है।

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में राग

श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बाणी 31 राग में लिखी गई है। यह 31 राग बाणी जपुजी साहिब के आखिर से लेकर सवैया तक दर्ज है। राग इस प्रकार है। 1. सिरी राग 2. राग मांझ 3.राग गउड़ी 4. राग आसा 5. राग गुज़री 6. राग देवगंधारी 7. राग बिहगडा 8. राग वडहंस 9. राग सोरठ 10. राग धनासरी 11. राग जेतसरी 12. राग टोडी 13. राग बेराढ़ी 14. राग तिलंग 15. राग सूही 16. राग बिलावल 17. राग गोंड 18. राग रामकली 19. राग नट नारयण 20. राग माली गौड़ा 21. राग मारु 22. राग तुखारी 23. राग केदारा 24. भेरो 25. राग बसंत 26. राग सारंग 27. राग मलार 28. राग कानड़ा 29. राग कल्याण 30. राग भरभाती 31. जेजवंती। श्री गुरु ग्रंथ साहिब में छह गुरु सहबान , तीन गुरसिख , 11 भट्ट और पंद्रह भगत सेहबान की बाणी दर्ज है।

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में दर्ज गुरु साहिब की बाणी

  • श्री गुरु नानक देव जी जीवन 1469 ई: से 1539 ई: कुल 974 शब्द राग १९
  • श्री गुरु अंगद देव जी जीवन 1504 ई: से 1552 ई : कुल 63 श्लोक वारा में
  • श्री गुरु अमरदास जी जीवन 1479 ई: से 1574 ई: कुल 907 शब्द 17 रागो में
  • श्री गुरु रामदास जी जीवन 1534 ई: से 1581 ई: कुल 679 शब्द 30 रागो में
  • श्री गुरु अर्जन देव जी जीवन 1563 ई: से 1606 ई : कुल 2218 शब्द 30 रागो में
  • श्री गुरु तेग बहादुर जी जीवन 1621 ई: से 1675 ई: कुल 116 शब्द 15 रागो में

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तीन गुरसिख

  • बलवंड जी ( मुस्लिम ) 5 पौड़ीआ
  • सत्ता जी (मुस्लिम) 3 पौड़ीआ
  • बाबा सुंदर जी ( खत्री ) 6 बंद

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11 भट्ट

  • भट्ट कहलसाहार जी 54 शब्द सवैये
  • भट्ट गयंद जी 13 शब्द सवैये
  • भट्ट भिखा जी 2 शब्द सवैये
  • भट्ट कीरत जी 8 शब्द सवैये
  • भट्ट मथुरा जी 14 शब्द सवैये
  • भट्ट जालप जी 5 शब्द सवैये
  • भट्ट सलः जी 3 शब्द सवैये
  • भट्ट भल जी 7 शब्द सवैये
  • भट्ट बल जी 5 शब्द सवैये
  • भट्ट हरबंस जी 2 शब्द सवैये
  • भट्ट नल जी 16 शब्द सवैये

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15 भगत

  • भगत फरीद जी शहर मुलतान के रहने वाले 1173 ई : से 1266 ई : तक शब्द 116 शहर मुलतान
  • भगत जय देव जी बंगाल के रहने वाले 1201 ई: से 1273 ई : तक 2 शब्द
  • भगत त्रलोचन जी महाराष्ट्र के रहने वाले 1267 ई : से 1335 ई : तक 4 शब्द
  • भगत नामदेव जी महाराष्ट्र के रहने वाले 1270 ई : से 1350 ई : तक 61 शब्द
  • भगत सधना जी सिंध के रहने वाले 1270 ई : से 1350 ई : तक 1 शब्द
  • भगत रामानंद जी तमिलनाडु के रहने वाले 1366 ई : से 1467 ई : तक 1 शब्द
  • भगत रविदास जी उत्तर प्रदेश के रहने वाले 1378 ई : से 1529 ई तक 40 शब्द
  • भगत सैन जी राजस्थान के रहने वाले 1390 ई : से 1440 ई : तक 1 शब्द
  • भगत कबीर जी उत्तर प्रदेश के रहने वाले 1398 ई : से 1518 ई : तक 535 शब्द
  • भगत बेणी जी बिहार के रहने वाले 3 शब्द
  • भगत धनना जी राजस्थान के रहने वाले 1415 ई : से 1475 ई : तक 4 शब्द
  • भगत परमानंद जी महाराष्ट्र के रहने वाले 1483 ई : से 1593 ई : तक 1 शब्द
  • भगत सूरदास जी उत्तर प्रदेश के रहने वाले 1529 ई : में 1 शब्द
  • भगत भीखन जी उत्तर प्रदेश के रहने वाले 1480 ई : से 1573 ई : तक 2 शब्द
  • भगत पीपा जी राजस्थान के रहने वाले 1426 ई : से 1562 ई : तक 1 शब्द

श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी में कुल 1430 अंक है। दुनिआ में एकेले ऐसे ग्रंथ जिन्हे गुरु होने का मान प्राप्त है। पूरी दुनिआ में एकेले ऐसे ग्रंथ है जिन् में सब धर्मो के भगतो ,गुरुओ तथा पीरों के बाणी दर्ज है।
श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी में Shri Guru Granth Sahib Ji In Hindi

  • हरि शब्द -8344 ,
  • राम -2533 ,
  • प्रभु -1371,
  • गोपाल -491 ,
  • गोबिंद -475 ,
  • परमातमा -324 ,
  • करता -228 ,
  • ठाकुर -216 ,
  • दाता -151 ,
  • परमेशर -139 ,
  • मुरारी -97 ,
  • नारयण -89 ,
  • अंतरजामी -61 ,
  • जगदीश -60 ,
  • सतनाम -59 ,
  • मोहन -54 ,
  • अल्लाह -46 ,
  • भगवान -30 ,
  • निरंकार -29 ,
  • कृष्ण -22 ,
  • वाहिगुरु -13 ,
  • वाहगुरु -3 वार लिखा मिलता है।
    ऐसी इलाही बाणी है जिसे किसी भी जाति ,धर्म ,रंग ,आयु ,देश तथा कोई भी पढ़ सुन सकता है। कुल मिलाकर कहा जाए तो श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी सबके सांझे गुरु है।

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घरेलू नुस्खे जहां देखे।

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